Haryana Bagwani Bima Yojana: बागवानी फसलों के नुकसान से किसानों को बचाने के लिए हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, किसानों को प्रतिकूल मौसम या प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी।
Bagwani Bima Yojana के तहत, सब्जियों और मसालों के लिए प्रति एकड़ बीमा प्रीमियम 2.5% होगा, जिसका मतलब है कि किसानों को प्रति एकड़ 750 रुपये का प्रीमियम देना होगा। फलों के लिए प्रति एकड़ बीमा प्रीमियम 3% होगा, जिसका मतलब है कि किसानों को प्रति एकड़ 1000 रुपये का प्रीमियम देना होगा।
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प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल के नुकसान होने पर, किसानों को अधिकतम नुकसान का 75% तक का मुआवजा दिया जाएगा। सब्जियों और मसालों के लिए न्यूनतम मुआवजा राशि प्रति एकड़ 15,000 रुपये और अधिकतम 30,000 रुपये होगी। फलों के लिए न्यूनतम मुआवजा राशि प्रति एकड़ 20,000 रुपये और अधिकतम 40,000 रुपये होगी।
आवेदन पत्र संबंधित कृषि कार्यालय में जमा किया जा सकता है।
यह योजना बागवानी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है। यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करेगी।
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हरियाणा सरकार द्वारा बागवानी बीमा योजना की शुरुआत सन् 31 मार्च 2022 में की गई।
मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य बागवानी किसानों को फसल के नुकसान से सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के तहत, किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, जैसे बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, आदि से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाती है।
इस योजना के तहत, किसानों को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
इस योजना की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
नुकसान प्रतिशत | मुआवजा दर | सब्जियां व मसाले (रूपये प्रति एकड़) | फल (रूपये प्रति एकड़) |
---|---|---|---|
0 से 25 | शुन्य | शुन्य | शुन्य |
26 से 51 | 50 प्रतिशत | 15,000 | 20,000 |
51 से 75 | 75 प्रतिशत | 22,500 | 30,000 |
75 से अधिक | 100 प्रतिशत | 30,000 | 40,000 |
मुआवजा राशि सीधे पंजीकृत किसान के खाते में स्थानान्तरित होगी मुआवजा राशि समिति द्वारा सर्वेक्षण पर आधारित होगी
फसल | बीमा राशि | प्रीमीयम राशि (2.5 प्रतिषत) |
---|---|---|
सब्जियां व मसाले | रू. 30,000 प्रति एकड़ | रू. 750 प्रति एकड़ |
फल | रू. 40,000 प्रति एकड़ | रू. 1,000 प्रति एकड़ |
फसल का नाम | पंजीकरण अवधि प्रारंभ | पंजीकरण अवधि समाप्ति |
---|---|---|
भिंडी, लौकी,करेला, बैंगन,मिर्च, शिमला मिर्च,खरबूज़,तरबूज ,ककड़ी , टिंडा ,तोरइ , कद्दू | 15 जनवरी | 15 मार्च |
अमरूद(बरसाती) | 1अप्रैल | 31 मई |
अमरूद(शीतकालीन),बेर | 1 सितंबर | 31 अक्टूबर |
ड्रैगन फल | 1 मई | 31 जुलाई |
अनार ,मालटा,नींबू,लैमन,संतरा ,आँवला,किन्नू | 1 मार्च | 31 मई |
आड़ू ,नाशपाती,आलु बुख़ारा,जामुन,अंगूर,लीची,अंजीर,खजूर,आम | 1 फरवरी | 31 मई |
चीकू | 1 सितंबर | 30 नवंबर |
स्ट्राबेरी | 1 सितंबर | 31 जनवरी |
फसल का नाम | पंजीकरण अवधि प्रारंभ | पंजीकरण अवधि समाप्ति |
---|---|---|
टमाटर, आलू,फूलगोभी,गाजर, पत्ता, गोभी, मटर,मूली, लहसुन | 15 सितंबर | 15 फरवरी |
रबी प्याज | 15 दिसंबर | 15 फरवरी |
जुकिनी | 15 नवंबर | 15 फरवरी |
अमरूद(बरसाती) | 1अप्रैल | 31 मई |
अमरूद(शीतकालीन),बेर | 1 सितंबर | 31 अक्टूबर |
ड्रैगन फल | 1 मई | 31 जुलाई |
अनार ,मालटा,नींबू,लैमन,संतरा ,आँवला,किन्नू | 1 मार्च | 31 मई |
आड़ू ,नाशपाती,आलु बुख़ारा,जामुन,अंगूर,लीची,अंजीर,खजूर,आम | 1 फरवरी | 31 मई |
चीकू | 1 सितंबर | 30 नवंबर |
स्ट्राबेरी | 1 सितंबर | 31 जनवरी |
फसल का नाम | पंजीकरण अवधि प्रारंभ | पंजीकरण अवधि समाप्ति |
---|---|---|
लौकी, करेला,फूलगोभी,अमरूद, भिंडी,बैंगन,ककड़ी,टिंडा,तोरई,कद्दू,खीरा,अरबी | 1अप्रैल | 31 जुलाई |
खरीफ प्याज | 1 अगस्त | 25 सितंबर |
अमरूद(बरसाती) | 1अप्रैल | 31 मई |
अमरूद(शीतकालीन),बेर | 1 सितंबर | 31 अक्टूबर |
ड्रैगन फल ,हल्दी | 1 मई | 31 जुलाई |
अनार ,मालटा,नींबू,लैमन,संतरा ,आँवला,किन्नू | 1 मार्च | 31 मई |
आड़ू ,नाशपाती,आलु बुख़ारा,जामुन,अंगूर,लीची,अंजीर,खजूर,आम | 1 फरवरी | 31 मई |
चीकू | 1 सितंबर | 30 नवंबर |
स्ट्राबेरी | 1 सितंबर | 31 जनवरी |
इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए, किसानों को निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे:
आवेदन पत्र संबंधित कृषि कार्यालय में जमा किया जा सकता है।
दावा प्रस्तुत करने के लिए, किसानों को निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे:
दावा निरीक्षण के बाद, किसानों को नुकसान की भरपाई की जाएगी।
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बीमा क्लेम से निपटान करने के लिए सर्वे का आयोजन किया जाएगा जिसे विशेष गिर्दावरी भी कहते हैं। इसके बाद नुकसान की स्थिति में नुकसान अनुसार मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
हरियाणा सरकार द्वारा बागवानी बीमा योजना की शुरुआत सन् 31 मार्च 2022 में की गई।
सब्जियों और मसालों के लिए प्रति एकड़ बीमा प्रीमियम 2.5% अर्थात प्रति एकड़ 750 रुपये का प्रीमियम देना होगा। फलों के लिए प्रति एकड़ बीमा प्रीमियम 3% अर्थात प्रति एकड़ 1000 रुपये का प्रीमियम देना होगा।
प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान से किसानों को राहत देने व बचाने के लिए।
Bagwani Bima Yojana का लाभ फल व सब्जियों की खेती व बाग लगाने वाले किसानों को इसका लाभ मिलता है। नुकसान की स्थिति में तय समय सीमा के अंतर्गत नुकसान की जानकारी कृषि अधिकारियों को देनी होगी, फिर विशेष गिरदावरी कारवाई जाएगी ओर नुकसान का भुगतान किया जाएगा।